विचार और वर्चस्व की लड़ाई - CAA, NRC, 370,
आज भारत फिर से एक दोराहे पर है ।
क्या हुआ कि आज देश फिर से मंथन के दौर मैं है ?
ऐसा हमेशा तब होता है जब देश जागता है ।
एक विचारधारा को त्यागता है ।
एक सोच से दूर भागता है ।
एक ऐसी सोच जो देश के अंदर भारी जा रही थी 70 साल से, सेक्युलर सोच, संस्कार विरोधी सोच, देश विरोधी सोच, left विचार धारा की सोच ।
5 साल में देश जागा, देश ने एकजुट हो कर कई संभावनाओं को ज़मीन को मूर्त रूप दिया ।
एक भारत, श्रेस्ठ भारत बनाने की तरफ सतत प्रयास शुरू हुए ।
ये सफलता उस पुरानी सोच के प्रेरणा स्रोतों को कैसे भाती।
नागरिकता संशोधन कानून में ऐसा क्या नहीं है, जिसके लिए लोग सड़कों पे हैं ?
क्यों लोग NRC के खिलाफ हैं ?
कौन नहीं चाहता कि देश के संसाधन देश के नागरिकों के काम आयें ?
कौन नहीं चाहता कि देश आगे बड़े ?
कौन नहीं चाहता कि नागरिक और शरणार्थी अलग अलग सुविधाओं के अधिकारी हो ?
आज जो जामिया , अलीगढ़ में हुआ, कल जो jnu, Jadavpur में होगा , वो सिर्फ छात्र राजनीति है ।
ये नेता , इन छात्रों का इस्तमाल कर रहे हैं अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए।
दिल्ली में चुनाव जो हैं ।
भारत को और भारत वासियों को सोचना होगा, की कैसे ये देश श्रेष्ठ बनेगा ।
क्या ऐसी लूट झूठ और फूट की राजनीति से बनेगा नया भारत ?
क्या ऐसी अराजकता के लिए भारत में को जगह है या होनी चाहिए ?
जहां ट्रेनों को स्टेशनों को बसों को आग लगा दी जाती है, विरोध के नाम पर, ये विरोध गांधी के नाम पे करते हैं ।
क्यों नहीं करोड़ो की संपत्ति जलाने वालों को सबक सिखाया जाता है ।
क्यों चंद अराजक तत्वों को यूनिवर्सिटी में छुपाया जाता है ?
क्या ये देश रोहिंग्या, बंगलादेशी घुसपैठियों के समर्थन से या समर्थोंको से चलेगा ?
क्या इस देश में संस्कार, और संस्कृति के नाम पर क्षेत्रवाद चलेगा ?
जहां महाराष्ट मराठा का, ओरिसा उड़िया का, कश्मीर कश्मीरी का होगा ? फिर भारत किसका, भारत का कौन भारतवासी होगा ?
उठना होगा हर भारतवासी, हर युवा को हर सच्चे भरतीय मुस्लिम, सनातन धर्मी, सिख, जैन, पारसी को जो पहले भारतीय है।
उठना होगा उस लूट, झूठ और फूट की राजनीति के खिलाफ ।
खत्म करनी होंगी ये राजनीतिक रोटियों की दुकाने।
एक भारत श्रेष्ठ भारत सिर्फ हमारी मांग नहीं सतत प्रयास होना चाहिए ।
इस अराजकता की सोच , इस विध्वंसकारी सोच को जिहादी सोच को किसी भी रूप में समर्थन देने वाला भारतवासी नहीं हो सकता ।
उतिष्ठ भारत !!!
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